श्रीश बेंजवाल हिन्दी चिट्ठाकारी में तकनीकी योगदान हेतु उत्तराखण्ड के मुख्यमन्त्री द्वारा सम्मानित

>> Tuesday 17 May, 2011

श्रीश बेंजवाल को हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार-प्रसार में तकनीकी योगदान हेतु ब्लॉग प्रतिभा सम्मान पुरस्कार प्रदान किया गया है। उन्हें दिनाँक ३० अप्रैल २०११ को दिल्ली के हिन्दी भवन, विष्णु दिगम्बर मार्ग में आयोजित पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के मुख्यमन्त्री श्री रमेश पोखरियाल जी निशंक तथा अन्य माननीय अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। ई-पण्डित के नाम से प्रसिद्ध श्रीश पुराने हिन्दी चिट्ठाकार हैं तथा हिन्दी कम्प्यूटिंग के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं। पण्डित जी ने हिन्दी कम्प्यूटिंग तथा ब्लॉगिंग सम्बन्धी कई लेख लिखने के अलावा हिन्दी कम्प्यूटिंग सम्बन्धी कई टूल बनाये हैं।
ePandit_Blog_Pratibha_Samman_2011-1
इसके अतिरिक्त इस अवसर पर “हिन्दी ब्लॉगिंग (अभिव्यक्ति की नई क्रान्ति)” पुस्तक का विमोचन भी किया गया। इस पुस्तक में मेरे दो लेख हैं – “यूनिकोड हिन्दी टाइपिंग से परिचय” तथा “मोबाइल फोन/टैबलेट कम्प्यूटर में हिन्दी समर्थन”। यह भी एक सुखद आश्चर्य है कि पुस्तक में पहला लेख मेरा ही है।
ePandit_Blog_Pratibha_Samman_2011-2
इसके अलावा सौभाग्यवश कार्यक्रम के आरम्भ में सबसे पहले (हिन्दी ब्लॉगिंग तथा इसके तकनीकी पहलुओं पर) बोलने का मौका भी मुझे ही मिला। मैंने संक्षेप में हिन्दी चिट्ठाकारी के इतिहास, तकनीकी पहलुओं तथा वर्तमान में प्रचलित ट्रेण्ड्स की जानकारी दी।
ePandit's_lecture_on_Hindi_blogging
अपने गृहराज्य के मुख्यमन्त्री महोदय के हाथों पुरस्कार मिलने से इसका आनन्द दोगुना हो गया। श्री रमेश पोखरियाल निशंक जी एक राजनीतिज्ञ होने के अतिरिक्त एक साहित्यकार भी हैं। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को देवभूमि उत्तराखण्ड के भ्रमण हेतु आमन्त्रित करते हुये एक बहुत ही सुन्दर, कलात्मक और भावपूर्ण भाषण दिया। इस अवसर पर उनकी पुस्तक “सफलता के अचूक मन्त्र” का विमोचन भी हुआ। उनके संस्कारों का परिचय तो उसी समय मिल गया था जब देवी सरस्वती के आगे दीप प्रज्जवलित करने के लिये वे मंच पर जूते उतारकर ही चढ़े, उनकी देखा-देखी फिर अन्य लोगों ने भी उनका अनुसरण किया।

कुल मिलाकर ३० अप्रैल का दिन यादगार रहा, समारोह में शामिल होने के बहाने कई चिट्ठाकारों, साहित्यकारों से मिलने का मौका भी मिला और लगे हाथों मैंने अपने लिये ऍचपी मिनी नेटबुक भी खरीद ली।

3 comments:

संतोष त्रिवेदी 29 May 2011 at 9:49 am  

ई-पंडित अब बडका पंडित हो गया है !
शुभकामनायें !

कविता रावत 25 January 2012 at 7:17 pm  

ई पंडित जी को बहुत बहुत शुभकामनायें !
बहुत अच्छा लगा ब्लॉग पर आकर..

कविता रावत 25 January 2012 at 7:18 pm  

बहुत ही सुन्दर पारिवारिक तस्वीर...अपना सा एक प्यारा परिवार लगा..

हिन्दी में लिखने हेतु निम्न बक्सा प्रयोग करें।

+यह बक्सा अपने ब्लॉग पर लगायें।

Post a Comment

टिप्पणी करने के लिए अग्रिम धन्यवाद! कृपया टिप्पणी अवश्य करें, आपकी टिप्पणी लेखक का हौसला बढ़ाती है।

चित्र

चित्र

'हमारा बेंजी' के बारे में

'हमारा बेंजी' ग्राम बेंजी का सामूहिक चिट्ठा है। इसमें ग्राम बेंजी के वर्तमान निवासी, मूल-निवासी तथा इससे संबंधित सभी व्यक्ति शामिल हो सकते हैं। इस चिट्ठे को बनाने का उदेश्य बेंजी के सभी निवासियों में संपर्क बढ़ाने, विचार तथा ज्ञान विनिमय आदि है। लेखकगण ग्राम बेंजी से सम्बंधित किसी भी विषय पर लिख सकते हैं। इनमें गाँव से सम्बंधित कोई सूचना, चित्र आदि शामिल हैं।

चिट्ठे में लेखक के तौर पर शामिल होने के लिए मुझसे ईमेल द्वारा सम्पर्क करें। इसके लिए आपके पास गूगल अकाउंट (जीमेल आईडी) होना चाहिए। चिट्ठे पर मुख्य भाषा हिन्दी रहेगी, हिन्दी में लिखने के लिए एक टूल चिट्ठे (ब्लॉगर) में अन्तर्निमित है। किसी भी किस्म की तकनीकी जानकारी के लिए मुझसे सम्पर्क करें।

लेखकगण:- ई-पण्डित (श्रीश बेंजवाल), दीपक बेंजवाल

ग्राम - बेंजी, पौ.ऑ - सिल्ली (अगस्त्यमुनि), जिला - रुद्रप्रयाग, उतराँचल (उतराखंड)

Village - Benji, District - Rudraprayag, Uttaranchal (Uttarakhand), 246421, India

थीम ई-पण्डित द्वारा संशोधित

ऊपर जाएं ^^